नमस्कार, आज आपन क्षमा प्रार्थना बद्दल जाणून घेणार आहोत. क्षमा प्रार्थना का म्हटली जाते? आणि क्षमा प्रार्थना घेणे महत्वाचे आहे का? क्षमा प्रार्थना ही कोणतीही पूजा झाल्यावर ज्या देवतेची आपन पूजा करतो त्या देवते कडून माफी मागन्यसाठी म्हटली जाते. पूजा करत असताना कळत नकळत झालेल्या चुका बद्दल माफी मागन्यसाठी क्षमा प्रार्थना म्हनतो.
देवी ची क्षमा प्रार्थना
क्षमा प्रार्थना (Kshama Prarthana)
ॐ
अपराधसहस्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया |
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि || १ ||
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम् |
पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि || २ ||
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि |
यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु में || ३ ||
अपराधशतं कृत्वा जगदम्बेति चोच्चरेत् |
यां गतिं समवाप्नोति न तां ब्रह्मादयः सुराः || ४ ||
सापराधोऽस्मि शरणं प्राप्तस्त्वां जगदम्बिके |
इदानीमनुकम्प्योऽहं यथेच्छसि तथा कुरु || ५ ||
अज्ञानाद्विस्मृतेर्भ्रान्त्या यन्न्यूनमधिकं कृतम् |
तत्सर्वं क्षम्यतां देवि प्रसीद परमेश्वरि || ६ ||
कामेश्वरि जगन्मातः सच्चिदानंदविग्रहे |
गृहाणार्चामिमां प्रीत्या प्रसीद परमेश्वरि || ७ ||
गुह्यातिगुह्यगोप्त्री त्वं गृहाणास्मत्कृतं जपम् |
सिद्धिर्भवतु में देवि त्वत्प्रसादात्सुरेश्वरि || ८ ||
|| श्री दुर्गार्पणं अस्तु ||
क्षमा प्रार्थना ( मराठी )
अपराध सहस्त्रो जे होती हातून माझिया ||
मानुनी द माफी दे मला तू परमेश्वरी ||१||
आवाहन न जाने मी न जाने विसर्जन ||
नेणे पूजन माफी दे मला तू परमेश्वरी ||२||
मंत्रहीन क्रियाहीन भक्तिहीन सुरेश्वरी
मी पूजन जे केले पावे साफल्य तवकृपे ||३||
शतापराधी जरी जो अंबिका नाम घेतसे
सदगती लाभते त्याला ब्रह्मा जी देऊ न शके ||४||
मी अपराधी शरण आलो हे जगदंबिके ||
दयेचे पात्र आहो गे जशी इच्छा तसे करी ||५||
अज्ञान विस्मृति भ्रांती न्यूनाधिक तयागुने ||
ते करी माफ हो देवी प्रसन्न परमेश्वरी ||६||
कान्तेश्वरी जगन्माता सच्चीदानंद विग्रहे ||
माझी पूजा करी गोड तुष्ट हो परमेश्वरी ||७||
गुह्याहूनी अति गुह्य तू माझा जप ऐक हा ||
मज लाभो सिद्धी तुझ्या प्रसादाने सुरेश्वरी ||८||
क्षमाप्रार्थना स्तोत्र टीका प्राकृत भावार्थ ||
श्री अच्युत विरचित श्री कुलदेवताचरणार्पणमस्तुत ||
हिंदी अनुवाद
परमेश्वरी! मेरे द्वारा रात-दिन सहस्त्रों अपराध होते रहते है।
'यह मेरा दास है' यों समझकर मेरे उन अपराधो को तुम कृपापूर्वक क्षमा करो। ॥1॥
परमेश्वरी , मैं आह्वान नहीं जानता,
विसर्जन करना नहीं जानता तथा पूजा करने का ढंग भी नहीं जानता| क्षमा करे ॥2॥
देवि सुरेश्वरी! मैंने जो मन्त्रहीन ,
क्रियाहीन और भक्तिहीन पूजन किया है, वह सब आपकी कृपा से पूर्ण हो ॥3॥
सैंकड़ो अपराध करके भी जो तुम्हारी शरण में जा
'जगदम्ब' कहकर पुकारता है, उसे वह गति प्राप्त होती है,
जो ब्रह्मादि देवताओं के लिए भी सुलभ नहीं है ॥4
जगदम्बिके! मैं अपराधी हूँ,
किन्तु तुम्हारी शरण में आया हूँ,
इस समय दया का पात्र तुम जैसा चाहो, करो ॥5॥
देवि! परमेश्वरी! अज्ञान से ,
भूल से अथवा बुद्धि भ्रांत होने के कारण
मैंने जो न्यूनता या अधिकता कर दी हो,
वह सब क्षमा करो और प्रसन्न हो।
सच्चिदानन्दस्वरूपा परमेश्वरी! जगन्माता कामेश्वरी!
तुम प्रेमपूर्वक मेरी यह पूजा स्वीकार करो और मुझ पर प्रसन्न रहो।
देवि सुरेश्वरी! तुम गोपनीय से भी गोपनीय
वास्तु की रक्षा करनेवाली हो..
मेरे निवेदन किये हुए इस जप को ग्रहण करो.
तुम्हारी कृपा से मुझे सिद्धि प्राप्त हो।
श्रीदुर्गार्पणमस्तु।
Kshama Prarthna Lyrics
aparadha sahasrani kriyante aharnisham maya.
dasoayamiti mam matva prasid parameshwari.
avahanam na jänāmi na janami visarjanam
pujam chaiva na janami kshamyatam parameshwari.
mantrahinam kriyähinam bhaktihinam sureshwari
yatpūjitam maya devi paripurna tadastu me.
aparadha shatam kritva jagadmabeti choch-
charet yam gatim samaväpnoti na tam brahmadaya surah.
saparadho asmi sharanm präptastväm jagadambike
idanim anukampyo aham yathech-chhasi tatha kuru.
agyanadwismrite-r-bhräntyä yannyünam adhikam
kritam tatsarvam kshamyatām devi prasid sureshwari.
kameshwari jaganmatah sachchidananda vigrahe
grihanarchamimam pritya prasida parameshwari.
guhyati guhyagoptri tvam grihanäsma kritam japam
siddhirbhavatu me devi tvat-prasādāt-sureshwari.
Devichi Kshama Prarthana (क्षमा प्रार्थना )
Reviewed by General Information
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जुलै २४, २०२३
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